गरमी के छुट्टी अब पूरा होवइया हे।नवा बच्छर (सत्र)मा लइका मन के भरती इस्कूल मा सुरु होवइया हे।कालेज मा भरती बर घलो आनलाइन अवेदन सुरु होवत हे।अदला बदली वाले सरकारी करमचारी मन अपन लइका ल नवा जगा के इस्कूल मा भरती कराय के बेवस्था मा लगे हे।अब सब लइका के दाई ददा पालक मन ला संसो हो गे हवय ! मोर लइका ला कहाँ पढ़ाहूं।
संतराम के ददा हा सहर के अंगरेजी इस्कूल मा अपन नतनीन अवनी ला भरती कराय बर अबड़ सउँख करके गय रहिस।उहाँ के बड़े मास्टरिन हा ओला पुछिस- लइका के ददा का करथे। संतराम के ददा बताइस- मोर लइका दारु बेचथे। बड़े मास्टरिन अकबका गे। दारु बेचइया के लइका ला हमर इस्कूल मा भरती करे से दूसर पालक मन दुरियाही तो नहीं?ओला दू चार दिन पाछू आबे कहिके टरका दिस। किसान मजूर मनखे बिचारा समझ नी पाइस , लहुट के घर आगे।
अइसनेच कतको झन ला समस्या आवत हे।छोटे बड़े सहर, ब्लाक, कस्बा, मन मा अब नवा नवा हिन्दी अउ अंगरेजी के परावेट अउ पब्लिक इस्कूल खुलत हे।हमर इस्कूल मा अमका ढमका सुबिधा हावय कहिके परचार करके पालक मन ला ललचावत हे। उपर ले भारी भरकम रुपया अँइठत हे।गरीब मनखे इंकर फीस ला सुनके गुनथे, कि हमर लइका ला कहाँ पढ़ाबो।ये तो छोटे छोटे लइका के गोठ आय।
बड़े लइका ला कालेज मा भरती करे के अलग समस्या।आनी बानी के बिषय वाला कालेज मा पढ़ई चलत हे।12 वीं पास होय के पाछू अब आगू के पढ़ाई बर दू रद्दा मिलथे, एक ठन बीए, बीएससी, बीकाम।ऐमा कालेज मा भरती मेरिट, आरक्छन के अधार ले होथय।दूसर रद्दा व्यवसायिक डहर ले होथय, कला बिसय वाला मन डीएड, बी पी एड, बी लिब, एल एल बी, कर सकत हे।कामर्स बिसय वाले मन सीए, बी बी ए,बीसीए अइसने गनित बिसय वाले इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर साइंस … पढ़ सकत हे।बायलाजी वाले मन मडीकल फारमेसी,डाक्टरी नीट परिच्छा वाला, नर्सिंग, डेंटल,जी एन एम,ए एन एम , डी एम एल टी अउ नाना किसिम के पढ़ई कर सकत हे । माइक्रो बायलाजी, डेयरी केयर, एग्रीकल्चर घलाव पढ़े जाथय।आज काल कम्युटर के अड़बड़ अकन कोर्स पढ़ाय जावत हे।ऐमा घलो आगू बढ़े के मउका मिलथे। 12 वीं पास के पाछू आईटीआई मा घलो भरती हो सकत हे।एयर होस्टेज के पढ़ई घलाव 12 वीं पास के पाछू करे जा सकत हे। येकर रद्दा बताय बर बहुत अकन संस्थामन इही बुता मा लगे हे। परावेट कालेज वाला मन फोन घुमा घुमा के पूछत हे।अपन कालेज मा पढ़ेबर बलावत हे।
फेर ए सब बिसय के पढ़े बर पइसा अउ पहुंच के जरुरत परथे।सरकारी कालेज मा सीट कम रथे।ओमे भरती मेरिट अधार ले होथय।जतका बड़े परावेट कालेज ओतका जादा रुपया फीस लागथे । गरीब लइका के दाई ददा ह एक तो कालेज ला नइ जानय, उपर ले फीस देय के सक्ति नइ रहय। बड़हर मन के कमजोरहा लइका घलाव पइसा के ताकत मा बने कालेज मा बने बिषय पढ़के नउकरी पा जा जाथे।
सरकार हा गरीब के हुसियार लइका ला सुबिधा देके नानम उपाय करे हवय अउ योजना चलात हवय फेर ओकर फायदा गरीब के लइका ल नइ मिल पावत हे।ओकर करा पइसा अउ पहुंच नइ हे।जगा जगा पढ़ेबर रद्दा बतइया घलो मिलथे।फेर ये सुबिधा सहर वाले मन के भाग मा हवय।परावेट वाले मन हमला भरमाथे।
ये हा सच बात आय कि सरकारी इस्कूल, सरकारी कालेज मा परावेट ले जादा गुनीक अउ गियानी मास्टर रहिथे।सुबिधा घलो सरकार हा कम नइ राखय। फेर उहाँ के बिकास के पइसा ला बड़े मास्टर मन अपन भोभस मा भर लेथय अउ इस्कूल , कालेज ला भगवान भरोसा छोड़ देथय। बदनाम सरकार होथय।सरकार ला चाही जौन बड़े मास्टर मा इस्कूल के बिकास इच्छा सक्ति नइ हे अउ पइसा गलत तरीका ले खरचा करत हे ओकर पर डाड़ लेवय अउ मास्टर मन के आलसी पना ला दूरिहा भगाय के उपाय करे।
गरीब के लइका सरकारी इस्कूल कालेज मा पढ़थे।ओमन ला पढ़ाय बर जौन कोढ़ियई करथे ओ मास्टर ला घर बइठार देवय।
हीरालाल गुरुजी “समय”
छुरा , जिला-गरियाबंद